संविधान गीत : प्रहलाद परिहार! / Republic Day! / Samvidhan Geet

 गणतंत्र दिवस 2025 : 26 जनवरी का इतिहास   

                प्रहलाद परिहार 

संविधान गीत 

हमारा संविधान है हमारा संविधान,

देश का विधान है ये देश का विधान। 


थे गुमनाम और सदियों से जो वंचित ,

उन सबके लिए है ये वरदान संचित। 


ना पिछड़ा ना अगड़ा ना कोई दलित ,

हैं अब सब इसकी नज़र में समान। 


जब मुल्क हुआ आज़ाद और हम हुए आबाद,

बाबा साहेब की निगरानी में पड़ गयी बुनियाद। 


धर्म और मज़हब से भी ऊपर है देश ,

ऐसा आज मेरा है आपको सन्देश। 



26 जनवरी का इतिहास : यह हमारा राष्ट्रीय पर्व है।  इसी दिन सन  1950  को भारत सरकार अधिनियम (1935 ) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था।  26 नवम्बर 1949  को भारतीय संविधान सभा द्वारा इसे अपनाया गया जिसे हम आज संविधान दिवस के रूप में मनाते हैं।  26 नवंबर 2015 को पहली बार पूरे भारत में संविधान दिवस मनाया गया था। 26 जनवरी 1930 को इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोसित किया था।  हमारे संविधान को बनने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय  लगा था।  

                संविधान सभा ने 9 दिसंबर 1947 से अपना कार्य आरंभ कर दिया था । डॉ भीमराव अंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेंद्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद, आदि इसके प्रमुख सदस्य थे। अनेक सुधारों एवं बदलाव के बाद संविधान सभा के 284 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को संविधान की दो हस्तलिखित कापियों पर हस्ताक्षर किए थे।

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत के राष्ट्रपति देश के नाम संदेश जारी करते हैं। हमारे देश के राष्ट्रपति इस दिन लाल किले पर तिरंगा फहराते हैं एवं सेना की परेड की सलामी लेते हैं। इस दिन हम अपने राष्ट्र के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। स्कूलों, कॉलेजों, कार्यालयों आदि में यह उत्सव मनाया जाता है। विश्व भर में रहने वाले भारतीय मूल के लोग तथा भारतीय दूतावास भी गणतंत्र दिवस को हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।

हमारे देश की आजादी में अनेक महापुरुषों का योगदान रहा है, जैसे नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, भगत सिंह, सरदार वल्लभ भाई पटेल, महात्मा गांधी, चंद्रशेखर आजाद, जवाहर लाल नेहरू आदि। 26 जनवरी को हम इन सब को याद करते हैं और शपथ लेते हैं कि अपने देश की एकता और अखंडता के लिए सदैव तत्पर रहेंगे । इसकी आजादी की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने से भी पीछे नहीं हटेंगे। जय हिन्द जय भारत! वन्दे मातरम्!






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