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रोता बचपन! (Crying childhood and Money Race)

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पैसे की दौड़ में मरता बचपन !  ( बच्चे को यह सजा क्यों ?)                                                                    प्रहलाद  परिहार                          आज मेरे  एक मित्र जो कि एक शिक्षक भी हैं उन्होंने मुझे एक सच्ची घटना सुनाई।  उन्होंने बताया कि पिछले दिनों उनकी कक्षा में दो ऐसी घटनाएं हुईं  जिसने उन्हें बहुत द्रवित कर दिया।  यहाँ मैं यह बताता चलूँ कि वे शहर के एक बड़े प्रतिष्ठित स्कूल के जाने माने शिक्षक हैं। जहाँ ज्यादातर बड़े घरों के यानि पैसे वालों के बच्चे पढ़ते हैं। उन्होंने बताया कि वे पिछले दिनों एक क्लास में चौथी के बच्चों को कुछ पढ़ने लगा रहे थे। वे सभी बच्चे थोड़े कमजोर थे। बहुत देर तक पढ़ाने के बाद भी कोई संतोषजनक परिणाम नहीं मिल रहा था। तभी  उन्होंने ध्यान दिया कि एक मोटा सा बच्चा खूब मस्ती क...