Hydrabadi Biryani Centre! हैदरबादी बिरयानी, बेतूल

सबसे अच्छा बिरयानी सेंटर! Best Biryani Centre !

हैदराबादी बिरयानी सेंटर, बैतूल 

 संक्षिप्त इतिहास : दोस्तों , बैतूल में  "हैदराबादी बिरयानी सेंटर" भाई  अब्दुल इमरान  द्वारा सन 2014  में आरम्भ किया है।  अब यह बैतूल की पहचान बन गया है, और धीरे धीरे पुरे प्रदेश में मशहूर होता जा रहा है। शुरुआत में थोड़ा रिस्पांस कम था लेकिन धीरे धीरे हमें पहचान मिलती गयी और आज बहुत अच्छा रिस्पांस है। रेस्टॉरेंट के मामले में आज हैदराबादी बिरयानी को लोगों ने गूगल और यू ट्यूब पर फाइव स्टार की रैंकिंग दे रखी है। इसके पहले इन्होने चार साल तक ग्वालियर शहर में इसी क्षेत्र में काम किया हैं।  अब्दुल इमरान का कहना है कि यदि ऐसे ही लोगों का प्यार मिलता रहा तो हम एक दिन पुरे देश में हैदराबादी बिरयानी का स्वाद पहुंचाएंगे।  


 

वर्तमान में प्रदत्त सेवाएं : आज हैदराबादी बिरयानी सेंटर को लोग शहर का बेस्ट बिरयानी सेंटर मानते हैं। पहले यह सेंटर बैतूल में  हॉकी ग्राउंड के पास स्थित था जिसके दाएं तरफ एक तालाब है , तो सामने की तरफ लाल बहदुर खेल स्टेडियम और पेट्रोल पंप है। वर्तमान में यह सदर बाजार और गेंदा चौक के बीच सेवारत है। यहाँ अब्दुल इमरान अपने लगभग 15 लोगों के स्टाफ के साथ (जिसमे आस पास के क्षेत्रों जैसे मुलताई, आठनेर, पांढुर्ना, मलकपुर आदि के युवा शामिल हैं) अनेक प्रसिद्द फुड आइटम बना कर लोगों को खिला रहे हैं, जैसे - चिकन बिरयानी, चिकन कोरमा, मछली फ्राइड, मछली करी, चिकन मसाला, मछली मसाला, अंडा करी, अंडा मसाला, आदि बनाकर लोगों को खुश कर रहे हैं। ग्राहक इनकी सेवाओं से बेहद खुश हैं और बार बार यहाँ आ रहे हैं। इनके यहाँ बैतूल में दो आउटलेट चल रहे हैं : एक वेज बिरयानी का और दूसरा नॉनवेज बिरयानी का। लोग इन पर विश्वास करके इनकी दुकान में आते हैं कि यहाँ शुद्ध और उच्च स्तर का भोजन मिलेगा और ये भी उनका विश्वास कायम रखने की पूरी कोशिश करते हैं।  क्वालिटी से कोई समझौता नहीं करते।  



ऑनलाइन सेवाएं : रेस्टॉरेंट में बेहतर सेवाएं एवं क्वालिटी का भोजन देने के अलावा ये  फ़ूड आइटम को पैक या पार्सल करके भी ग्राहकों को तुरंत देते हैं। इनके फ़ूड आइटम की फ़ास्ट डिलीवरी स्वेगी और जोमैटो के माध्यम से शहर और आसपास के क्षेत्रों में  उपलब्ध कराइ जा रही है। हमारा नंबर है : 9009224147 



हैदराबादी बिरयानी सेंटर के संचालक " इमरान खान " का परिचय : 

                            अब्दुल इमरान  जन्म 27 जुलाई 1987 को बैतूल में ही हुआ था।  इन्होने सुभाष स्कूल से प्रायमरी, शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल ( एक्सीलेंस स्कूल ), बैतूल से मिडिल और हाई स्कूल की पढाई की और ग्यारहवीं और बारहवीं की पढाई न्यू बैतूल स्कूल से पूरी की है। पढाई में ये ना तो बहुत अच्छे थे न ही ख़राब - एक सामान्य विद्यार्थी की तरह । इनका बड़ा भाई फौज (सी आर पी एफ ) में हेड कॉन्स्टेबल है और नागपुर में पदस्थ है जबकि छोटा भाई इनकी  ही तरह ग्वालियर में खाने के बिज़नेस में है।  



                        वे कहते हैं, "स्कूल के दिन बड़े कठिन थे।  पिताजी फलों की दुकान लगाते थे।  मैं भी स्कूल के बाद उनकी मदद करता था।  तभी से मैं सोचता था कि मैं ऐसा बिज़नेस करूँगा कि जीवन आसान हो जाये और घर में समृद्धि आ जाये। मैंने एन सी सी ज्वाइन कर रखी थी जिसमे एक टेस्ट में मैंने दस में से आठ निशाने सहीं लगाए थे। स्कूल के दिनों में श्री राजेश सरियाम सर, वर्मा सर, शर्मा सर आदि शिक्षकों ने मेरा विशेष सहयोग किया। मेरे स्कूल के दोस्तों में कुछ मित्रों का मैं नाम लेना चाहूंगा जिन्होंने मुझे बहुत सपोर्ट किया जैसे - स्माइल जो अब सहारा में पत्रकार हो  है, और छबिलेश द्विवेदी अब फौज में सेवा दे रहा है। मैं इन लोगों का बहुत शुक्रगुज़ार हूँ।" 





                             स्कूल की पढाई के बाद ये ग्वालियर चले गए, काम सीखने और कॉलेज की पढाई करने जहाँ इन्होने पोलिटिकल साइंस, इकोनॉमिक्स, और जियोग्राफी सब्जेक्ट के साथ जीवाजी यूनिवर्सिटी से बी ए की पढाई की।  यहाँ ये सुबह छह बजे से रात ग्यारह बजे तक काम करते थे। दिन में पढाई और शाम से रात तक फुड स्टाल पर काम। ग्वालियर में इनके  जीजाजी मोहम्मद रमीज़ का रेस्टॉरेंट "किंग अंकल" के नाम से शहर ही नहीं बल्कि आसपास लगभग दो सौ किलोमीटर तक प्रसिद्ध है।  उन्हीं के सहारे इन्होने भी वहां अपना बिज़नेस जमा लिया था।  लोगों का बहुत अच्छा रेस्पोंस था। 



                            एक खास बात कि ग्वालियर में काटी रोल और चिकन मोमोस की शुरुआत इनके ही द्वारा की गयी थी।  इसके पहले वह पेडू मोमोस करके एक दुकान हुआ करती थी पर लोग उसे ज्यादा नहीं जानते थे। लेकिन इनके बाद अब वहां चिकन काटी रोल, एग काटी रोल की लगभग चार पांच सौ दुकाने खुल गयीं हैं। (ग्वालियर एक ऐतिहासिक शहर है।  बहुत सुन्दर शहर है।  संगीत सम्राट तानसेन की समाधि वहीँ बनी हुई है जहाँ हर साल संगीत समारोह का आयोजन होता है। राजा मानसींग तोमर संगीत विश्वविद्यालय भी यहीं स्थित है।) 



                            फिर माता पिता का खयाल करके ये 2014  में बैतूल चले आये, तो अपने ग्वालियर के सभी बिज़नेस काउंटर वहीँ बेंच दिए और यहाँ बैतूल में हैदराबादी बिरयानी सेंटर आरम्भ कर दिया। आगे साल २०१८ में इनकी शादी हो गयी और ये  यहीं जम गये ।  कुछ लोग जो इनके साथ काम करते थे जैसे इंडल थापा और सोनू थापा नेपाली।  वो लोग आज दुबई शिफ्ट हो गए हैं जहाँ उन्हें लगभग सत्तर अस्सी हज़ार रूपये महीना तनख्वाह मिलती है। वो इन्हें  फ़ोन करते हैं की आप यहाँ चले आओ आपके खाने जैसा टेस्ट यहाँ कहीं नहीं है।  आप यहाँ भी अपना बिज़नेस अच्छा जमा लोगे पर ये कहते हैं कि मैं यहीं अच्छा कर रहा हूँ। अभी अभी इन्होने अपने छोटे भाई के साथ अपने माता पिता को उमरा करने के लिए अरब भेजा है।  ( उमरा एक तरह की धार्मिक तीर्थ यात्रा होती है जो हज के महीने के अलावा अन्य ग्यारह महीने जारी रहती है। जबकि हज़ केवल जिल-हिज़ के महीने में ही आयोजित होता है।)  वो कहते हैं, ''मैं अपने अच्छे और टेस्टी खाने के हुनर से लोगों की सेवा करते रहना चाहता हूँ।  इसके लिए लोगों का सहयोग और प्यार मुझे मिलता रहे ऐसे उम्मीद करता हूँ।

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