काव्यगाथा ऑनलाइन पत्रिका! Holi Special, Kavygatha
काव्यगाथा "होली विशेषांक"
१. होली !
आशा "अंकनी", बेतूल
रंग बरसाए, अपनों की टोली,
रंग के संग करें, हंसी ठिठोली,
खुशियों से भर दे ,सबकी झोली।
रंगों का ,त्यौहार है होली।
होलिका का दहन है होली,
बुराई का उन्मूलन होली,
अपनों के संग मिलने का,
एक मधुर प्रचलन है होली।
रंगों का ,त्यौहार है होली।
प्रकृति बिखेरे ,रंग बहुतेरे,
हर रंग के, एहसास घनेरे,
रंगों में पलाश की ,छटा निराली,
इन्हें देख चेहरे पर ,छाये लाली।
रंगों का, त्यौहार है होली।
प्रकृति के रंगों से ,खेलें होली,
होली के रंगों से,प्रकृति भिगो ली,
न हानिकारक रंगों का, उपयोग करें,
न दिल दुखाने वाली, बोलें बोली।
रंगों का, त्यौहार है होली।
रंग,गुलाल संग ,पिचकारी हो ली,
बच्चों की मौज,मासूमियत पिरो ली,
बिखरा के,खुशियों के गुलाल को,
उल्लास के संग, मनाएँ होली।
रंगों का, त्यौहार है होली।
रंगों की सजावट सी हो, जिंदगी सजीली,
अपनत्व के रंगों से, धुरेंडी खेली।
होली की शुभकामनाएँ सभी को ,
होली हो सबकी, रंग रंगीली।
रंगों का त्यौहार है होली।
2. होली आई रे !
विजय कुमार पटैया भैंसदेही
लागा फागुन का बाजार होली आई रे।
होगी रंगों की बौछार होली आई रे।।
प्रह्लाद को मरवाने के कितने किए जतन,
दुष्ट होलिका जल गई काम ना आए यतन।
होता दुष्टों का संहार होली आई रे,
होगी रंगों की बौछार होली आई रे।
लटक-झटक, मटक-मटक, गोरी गाए गीत,
ढोल नगाड़े बज उठेंगे टिमकी का संगीत।
राधा संग नाचे सरकार होली आई रे,
होगी रंगों की बौछार होली आई रे।
लाल हो गया टेसू के कारण सारा कानन,
महुआ फूलों से महका जाए सबका तन-मन।
अमलतास पे छाई बहार होली आई रे,
होगी रंगों की बौछार होली आई रे।
पानी कम है सूखे रंगों से खेलो होली,
बुरा लगे किसी को ऐसी ना बोलो बोली।
करते रहो सबसे प्यार होली आई रे।
होगी रंगों की बौछार होली आई रे।।
मायके में जाने को गोरी ललचाये,
साजन को प्यार से मस्का वो लगाये।
होती नोंक-झोंक तक़रार,होली आई रे।
होगी रंगों की बौछार होली आई रे।
लागा फागुन का बाजार होली आई रे।
होगी रंगों की बौछार होली आई रे।
3. लो आ गई होली !
धर्मेंद्र खौसे, बेतूल बाजार
रंग गुलाल और अबीर से सजी
बच्चे बूढ़े और युवाओं के
मस्ती के रंगों में रंगी
उमंग उत्साह और उल्लास में डूबी
लो फिर होली आ गई,
सबके चेहरे पर लाली छा गई।।
घोलकर एकता का रंग
खाकर मित्रता की भंग
अपनापन लिए डोलती
प्रेम के नशे में झूमती
लो फिर होली आ गई,
सबके चेहरे पर लाली छा गई।।
झूमो नाचो गाओ
फाग की धून में झूम जाओ
धूम मचाओ रंग उडाओ
ना रहे कोई घर ना हो गलियां सूनी
लो फिर होली आ गई,
सबके चेहरे पर लाली छा गई।।
सब रहे खुश सबके दूर हो दुख
ना बैर हो ना दुश्मनी
शुभकामनाओं की पोटली
पल हर पल हो दूनी
लो फिर होली आ गई,
सबके चेहरे पर लाली छा गई ।।
बढ़े प्यार घटे तकरार
चारों तरफ बहे सद्भाव की बयार
ना रहे चाहत अधूरी
मांगी हर मन्नत हो पूरी
लो फिर होली आ गई,
सबके चेहरे पर लाली छा गई।।
4. फूले पलाश ...
अरुणा पाटनकर, बेतूल
राधा_ चहुंओर फूले पलाश ,
हां सखी देखो खिल गए पलाश।
चटक सुर्ख रंगों में,
नव यौवना की भांति सज गए पलाश!!!!!
कुछ न चाहूं ,इस फागुन अपने प्रिय (कृष्ण) से तो मैं।
बस!मैं ये चाहूं , ला दो मुझे चुनर भर पलाश।
उसके रंग से रंग दूं,अपने प्रियतम(कृष्ण) को मैं!!
उसी रंग से ,मैं रंग जाऊं ,बस यही मेरी आस।
देखो, देखो! देखो न सखी
वन - वन सुंदर खिले हैं "पलाश"।
हां,खिल गए पलाश....
अति मनभावन ये पलाश..।।
5. होलिका दहन !
महेन्द्र कुमार गुदवारे ,बैतूल
दहन कीजिए इस होली में
अपने-अपने मन के विकार।
सभी साथ मिलकर मनाएं
प्रेम का यह अनुपम त्यौहार।
प्रेम का यह अनुपम त्यौहार,
जीवन में खुशहाली लाए।
हार्दिक बधाई आप सभी को,
है अपार शुभकामनाएं।
है राष्ट्र-धर्म सर्वोपरी हमारा,
ध्यान रखिएगा भाई - बहन।
सद्भावना के साथ मनाईए,
यह पावन पर्व होलिकादहन!
6. फागुन -होली !
डॉ प्रतिभा द्विवेदी भोपाल
रंगों की गठरी लिए,
फागुन आया द्वार,
सतरंगी मौसम हुआ,
मिलकर बांह पसार ।।
रंगों की गठरी खुली,
रॅंग गये आठों याम ।
भू राधा सॅंग खेलता,
होली अम्बर श्याम ।।
फागुन ने बिखरा दिए,
इंद्रधनुष के रंग ।
पुरवाई हंसने लगी,
मौसम हुआ मलंग ।।
संबंधों के बाग में,
बिखरे नेह सुगंध,
इस होली पर कीजिए,
यही एक अनुबंध ।।
सोच समझ कर डालिए,
एक दूजे पर रंग ।
चूक जरा सी कर न दे,
कहीं रंग में भंग ।।
7. तुमरी सखी !
दीपा मालवीय "दीप", बेतूल
आयो री सखी फागुन आयो री
खुशियों की बौछार लायो री
ईर्ष्या द्वेष का करो होलिका में दहन री
स्नेह प्रेम के रंगों की खेलो री होरी
बन में खिले पुष्प पलाश री
मनवा उठे गीत हर्ष उल्लास के
गगन में उड़े अबीर गुलाल री
रंग हरा, पीला और लाल री
श्याम सुंदर राधा संग खेले होली
मारे पिचकारी और भीगे चोली री
आज बिरज में हो रही होरी री
बंधी एक दूजे संग प्रीत की डोरी
बाजे ढोल कही नगाड़े कही गावे फाग री
हम देवे सखी होरी की बधाईयां आज री
तुमरी सखी!







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